हार्ट अटैक से बचने के लिए क्या करें
मानव शरीर प्रकृति का दिया हुआ एक अनोखा तौफ़ा है। छोटे से छोटा अंग शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है। आज हम शरीर के ऐसे ही अंग के बारे में बात करेंगे। इसका आकार एक मुट्ठी मात्र है, परन्तु इसके बिना मानव शरीर संभव ही नहीं। शरीर के सारे अंग इसी पर निर्भर रहते हैं। इसे हम हृदय (Heart) के नाम से जानते हैं।
हृदय का क्या कार्य है | what is the function of the heart
हृदय एक मिनट में लगभग 72 बार धड़कता और एक बार में 70 मिली रक्त का प्रवाह शरीर में करता है। इसका मुख्य कार्य साधारण रक्त को ऑक्सीजन युक्त बनाकर शरीर के हर अंग तक ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति करना है।
जाहिर सी बात है छोटे से हार्ट को पुरे शरीर में रक्त की पूर्ति के लिए अत्यधिक कार्य करना पड़ता होगा। जिसके लिए अत्यंत ऊर्जा की आवश्यक्ता भी पड़ती होगी। जिसकी आपूर्ति यह स्वयं के द्वारा बनाए ऑक्सीजन युक्त रक्त से करता है। हृदय ऑक्सीजन युक्त रक्त शरीर में भेजने के साथ अपने तीनो धमनियों द्वारा रक्त को हृदय के हर हिस्से तक पहुंचा देता है। ताकि आगे की प्रक्रिया में कोई समस्या उत्पन्न न हो।
हार्ट अटैक क्या होता है और यह कितना खतरनाक हो सकता है
लेकिन क्या होगा यदि किसी कारण वश रक्त प्रवाह में रुकावट आने लगे। ऐसा होने से हृदय को काफी कठिनाइओं का सामना करना पड़ सकता है। रक्त प्रवाह में रुकावट के कारण खून भी जम (थक्के बनना) सकता है और अधिक दबाव के कारण धमनिया भी छतिग्रस्त हो सकती है। इसका कारण खून का गाढ़ा हो जाना हो सकता है। ऐसा होने से अत्यंत पीड़ा होती है और इससे काफी खतरनाक बीमारियां भी उत्पन्न हो सकती है। जैसे हृदयाघात (heart attack), हृदयदौर्बल्य (heart failure), रक्तभारवृद्धि (हाई ब्लड प्रेशर), हृदयकपाटी-रोग (Coronary Valve Disease), हृदय-अंत: शोथ (Endocarditis), हृदय-अवरोध (heart block) आदि। आज हम बात करेंगे इनमें से ही एक जो है, हृदय आघात (हार्ट अटैक)
भारत में हृदय आघात की समस्या
नॉर्मल हार्ट अटैक शरीर के लिए सही तो नहीं है, परन्तु फिर भी इससे जान जाने का खतरा कम रहता है। लेकिन यदि लपर्वाही बरती गई तो ये कभी भी आप की जान ले सकता है। हार्ट अटैक से होने वाली संख्या भारत में लगातार बढ़ती चली जा रही है। इंडियन हार्ट एसोसिएशन की माने तो इंडिया में लगभग 50 प्रतिशत हार्ट अटैक 50 साल से कम उम्र के व्यक्तियों में देखने को मिल रहा है। भारत में दिल के दौरे के कारण मृत्यु दर पिछले चार वर्षों में लगातार 25,000 से अधिक रही है। दिल का दौरा महिलाओं की तुलना पुरुष में ज्यादा देखने को मिलता है, लेकिन फिर भी महिलाओं में हृदय रोग की अभिव्यक्ति सामायिक होती है।
हृदय आघात क्यों होता है
गलत खान-पान (ज्यादा तला भुना खाना, पैक्ड फूड का सेवन करना, गलत कॉम्बिनेशन में भोजन करना जैसे दूध के साथ दही या नमकीन पदार्थ का सेवन करना इत्यादी) इसका एक बड़ा कारण हो सकता है। लेकिन गलत खान पान के अलावा भी इसके अनेको कारण हो सकते हैं। अन्य कारण हो सकते हैं शारीरिक श्रम न करना, अनुवांशिक समस्या, धूम्रपान करना, मधुमेय, मादक पदार्थो का सेवन करना, उच्च कोलेस्ट्रोल स्तर, मोटापा, औषधि का अंधाधुंध सेवन करना, आदि। महिलाओ में अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे रजोनीवृत्ति (मासिक धर्म का बंद होना), गर्भनिरोधक गोलियों (contraceptive pills) का प्रयोग इत्यादि।
मानसिक तनाव
कुछ मानसिक कारण भी हो सकते है, जैसे हमेशा क्रोधित रहना, शांत न रहना, अत्यधिक चिंता करना, भय लगना, शोक करना, मोह, लोभ आदि। मानसिक तनाव के समय हमारे मस्तिस्का को अत्यधिक रक्त की आवश्यकता पड़ती है। इसकी पूर्ति के लिए हमारा हृदय रक्त के प्रवाह को और भी तेज कर देता है। परिणाम स्वरूप धमनिया फट भी सकती है। आयुर्वेद के अनुसार यदि आप का आहार, व्यवहार, और विचार उत्तम है तो हार्ट अटैक जैसी अनेको बीमारिया आप को कभी नहीं होंगी। यहां तक कि आज के बच्चों में भी तरह-तरह के तनाव होते हैं जैसे परीक्षा का तनाव, करियर कि चिंता आदि।
शारीरिक तनाव
ज्यादा श्रम करना भी इसका एक बड़ा कारण हो सकता है। आज के समय जिम जाना एक शौक सा हो गया है जो सही भी है, लेकिन उत्तेजना में आकर क्षमता से अत्यधिक श्रम या कार्य करना भी हार्ट अटैक का कारण बन सकता है। वर्तमान समय में इससे जुड़े बहुत से मामले देखने को मिल जाएंगे। श्रम करना सही है, परन्तु उतना ही श्रम करें जिससे आपके शरीर को कोई तकलीफ न हो। इनमें से प्रत्येक उल्लिखित कारक हृदय रोग को बढ़ावा देगे।
हार्ट अटैक के लक्षण
दिल से जुड़े जिसके लक्षण कभी भी किसी भी उम्र में देखने को मिल सकते है। ये संकेत तुरंत इशारा करते हैं दिल की समस्या की ओर। लेकिन चिंता करने की कोई बात नहीं है, ये संकेत आपको तत्काल नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। आपके पास काफी समय होगा अपना इलाज (How to prevent Heart Attack) कराने के लिए। इसके कुछ लक्षण निम्न है –
- कमजोरी एवं ठण्ड लगना।
- अचानक सीने में दर्द होना।
- दर्द सीने के बीच पसली के जोड़े पर बाए ओर होता है।
- ऐसा लगता है कि सीने को तेजी से दबया जा रहा हो।
- कभी कभी सीने पर चुभन सी महसूस होती है।
- चक्कर आना।
- गर्दन (Neck), जबड़ा(Jaw), गला(throat), ऊपरी पेट(upper belly), या पीठ (back) पर दर्द उत्पन्न होना इसका कारण हो सकता है।
- बार बार पैरो या हाथो का सुन्न होना।
- सांस लेने में तकलीफ होना।
- किसी काम को करने में जल्द ही थक जाना।
- अपच एक सामान्य समस्या है लेकिन यह दिल की समस्याओं का भी संकेत हो सकता है।
- आराम करने के दौरान भी सामान्य से अधिक पसीना आना भी हृदय की समस्याओं का संकेत देता है।
समस्या कोई भी हो बचाव तो सभी से करना चाहिए। और यदि समस्या दिल से जुडी हो तो उससे बचाव और भी आवश्यक हो जाता है। हमें तो पता ही है इलाज से बेहतर बचाव है। तो आए जानते हैं कि हार्ट अटैक से बचने के लिए क्या करें ताकि हार्ट अटैक कभी न आए या लक्षण दिखने पर कैसे ठीक करें।
- सुबह उठते ही तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी हल्का गुनगुना गरम कर उसका सेवन पेट भर करे। रोज़ाना ऐसा करने से शरीर के विषाक्त पदार्थ साफ़ हो जाते हैं।
- शुद्ध और संतुलित आहार का सेवन करें।
- तेल, मसाले और चटकदार भोजन का सेवन न करें।
- ऐसा करने से आपका रक्त दूषित नहीं होगा।
- रोज़ाना दिन में तीन बार उतना ही भोजन करे जितना आवश्यक हो।
- अधिक भोजन करने से पाचन प्रक्रिया सही से कार्य नहीं कर पाती।
- जिससे जरूरी पोषक तत्व शरीर में नहीं बन पाते और फालतू वसा शरीर में जमा होती है।
- व्यस्कता अवस्था आने के बाद आवश्यक है कि वसा युक्त पदार्थ का सेवन कम से कम करें।
- वसा युक्त पदार्थ जैसे घी, दूध, दही, मक्खन, तेल, आदि।
- इनकी जगह सोयाबीन, मुंगफली, और सूर्यमुखी के तेल का सेवन करें।
- हरी सब्जियों का अधिक से अधिक प्रयोग करें।
- इससे आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में रक्त बनेगा।
- इसमें पालक, मेथी, बथुआ, धनिया, तथा मूली, लौकी, पपीता, परवर, गाजर, टमाटर, संतरा, बंदगोभी, अदरक, और खीरा का सेवन करे।
- पेय पदार्थ जैसे चाय, कॉफी, धूम्रपान, शराब का प्रयोग न करें।
- कुछ अन्य चीजे नमक और चीनी का जितना कम हो सके उतना कम प्रयोग करें।
- पापड़, चटनी, तली भुनी और चटपटी चीज़ों से परहेज करें।
- कोशिश करे हफ़्ते में एक दिन उपवास करे। इस दिन फल और नींबू पानी का ही सेवन करे।
- क्षमता अनुसार शारीरिक व्यायाम करें।
- मानसिक तनाव से दूर रहे।
- सोते समय मन को शांत रखे और किसी भी कार्य से जुड़ा कोई भी विचार न करें।
मुझे उम्मीद हैं, हार्ट अटैक से बचने के लिए यह लेख काफी मददगार रहेगा, यह जानकारी आपको कितनी मददगार लगी, और किस विषय पर आप जानकारी चाहते हैं कमैंट्स करके जरूर बताएं