ल्यूकोरिआ क्या होता है (what is leucorrhoea in Hindi )
ल्यूकोरिआ (Leucorrhoea in hindi) महिलाओ (Female) के लिए एक गंभीर समस्या है, परंतु किसी कारणवश इसे छिपाना और भी खतरनाक साबित हो सकता है इसलिए समस्या के कारण को जानकर तुरंत आयुर्वेदिक रूप से इसका उपचार करें। इस बीमारी के दौरान योनि (Vagina) से श्वेत प्रदर सामान्य से ज्यादे मात्रा में होता है। योनि से 3 से 5 मिलीलीटर श्वेत प्रदर (white discharge) महीने में एक बार आना (Normal Discharge) प्राकृतिक है,
लेकिन जब ज्यादा मात्रा में आने लगे, तो ये समस्या का विषय है। प्राकृतिक श्वेत प्रदर (Normal white discharge) आने का कारण योनि (Vagina) को साफ रखना, योनि में मृत कोशिकाओं (dead cells) को साफ करना, हानिकारक जीवाणुओं (harmful bacteria) को बाहर निकालने और योनि के ताप को नियंत्रण में रखने के लिए होता है।
ल्यूकोरिआ बीमारी की पहचान कैसे करें (How leucorrhoea looks like)
सामान्य श्वेत प्रदर ( white discharge) की पहचान उसका दूधिया रंग, पतला एवं स्पष्ट पानी (Leukorrhea like water), और हल्की सी महक (Leukorrhea smell) है । लेकिन यदि ऐसे ही विपरीत श्वेत प्रदर के सामान्य रंग में बदलाव और पानी के गाढ़ा होने के साथ- साथ योनि के पास खुजली, जलन, और पानी से बदबू आने जैसी समस्या ल्यूकोरिआ (Leukorrhea discharge) का संकेत है।
ल्यूकोरिआ के लक्षण ( leucorrhoea symptoms in Hindi)
अक्सर बीमारियों का लक्षण न पता होने के कारण बीमारी का इलाज सही से नहीं हो पाता जिससे बीमारी को और बढ़ने का मौका मिल जाता है। कभी-कभी लोग जानकारी के अभाव के कारण बीमारी को अनदेखा कर देते है जो कि बीमारी को और भी गंभीर रूप दे सकता है, इसलिए बीमारी के लक्षण (Leucorrhoea symptoms) का पता होना बहुत जरूरी है। आइये जान लेते है ल्यूकोरिआ (White Discharge in Female) के क्या लक्षण है :
- योनि में खुजली (vaginal itching)
- आँखों के नीचे काला धब्बा (dark spots)
- योनि के पास सूजन या लाल धब्बे का होना
- योनि से श्वेत प्रदर (white discharge) के मात्रा में बढ़ोतरी
- योनि से निकलने वाले white discharge के रंग में परिवर्तन
- कमर में दर्द ( back pain)
- कमजोरी का एहसास होना (weakness)
- पेशाब के दौरान दर्द या जलन होना
- शरीर में भारीपन का एहसास
- चक्कर आना और चिड़चिड़ापन,
- पेट में जलन या मचलन होना (stomach)
ल्यूकोरिआ होने के कारण (leucorrhoea causes in hindi)
अगर बीमारी के कारण के बारे में पता हो तो इलाज के समय सावधानी बरतने में आसानी होगी। हर बीमारी का कोई न कोई कारण जरूर होता है, वैसे ही ल्यूकोरिआ के भी कुछ कारण है। (Leukorrhea may be associated with ) आइये जानते हैं ल्यूकोरिआ के क्या कारण हैं:
- आहार में पौष्टिक तत्वों की कमी (nutrients)
- योनि ( Vagina) के आस पास में स्वच्छता की कमी
- शरीर में खून की कमी (anemia)
- तला, भुना या तेज मसाले वाले पदार्थ का सेवन करना
- एस्ट्रोजेन का हार्मोनिक नियंत्रण (hormonal control of estrogen)
- जेनिटल ट्रैक (genital tract) में घाव बनना
- शरीर में विटामिन-डी, और विटामिन-बी12 जैसे पोषण तत्वों की कमी
शादीशुदा महिलाओ में ल्यूकोरिआ के क्या कारण है
शादीशुदा महिलाओ में ल्यूकोरिआ ( leukorrhea) होने के आसार कम हैं, परंतु जानकारी के अभाव ( Lack of information) के कारण सतर्कता न बरतने पर समस्या उत्पन्न हो सकती है:
- बिना किसी सावधानी के शारीरिक सम्बन्ध (Sexual relations) बनाना
- बार-बार गर्भपात कराना या गर्भपात होना (abortions or miscarriages)
- ज्यादा तनाव लेना (depression) या मधुमेह (diabetes) जैसे समस्या का होना
- जननांग पथ (genital Track) में घाव बनने के कारण
white discharge during pregnancy (गर्भावस्था के समय योनि स्राव)
किसी महिला को गर्भावस्था के दौरान (white discharge during pregnancy) योनि से सफ़ेद पानी आता है , तो यह सामान्य बात है बस किसी महिला को कम और किसी को ज्यादा होता है, यह तरल पदार्थ बिल्कुल सफ़ेद और गाढ़ा पानी होता है , इसमें किसी भी तरह की गंध (Leucorrhoea smell) नहीं आती है। यह तरल गर्भवती महिला को काफी फायदेमंद होता है। यह सफ़ेद पानी महिला के योनि मार्ग से मृत कोशिकाओं (dead Cells) को बाहर निकालकर योनि को साफ़ (clean) रखता है जिससे किसी भी तरह का इन्फेक्शन योनि ( vaginal infection) में ना हो। इसे सामान्य leukorrhea कहते हैं।
अगर यह सफ़ेद पानी की जगह , हरा पीला या लाल पानी आता है , और उसमें दुर्गन्ध आती है और बहुत ज्यादा मात्रा में आता है , तो यह किसी इन्फेक्शन (Vaginal infection) का संकेत हो सकता है। ऐसे स्थिति में , चिकित्सक से सम्पर्क (consult with doctors) करें।
Leucorrhoea in hindi: यह एक आम स्त्री रोग है, जिसमें सफेद प्रदर (White Discharge) की स्थिति हो सकती है। आपकी स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए, योग्य आहार, सही ह्याइजीन, और नियमित चेकअप की आवश्यकता है। इस समस्या का समाधान सामाजिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है। यदि आप इस स्थिति से पीड़ित हैं, तो चिकित्सक से संपर्क करें और सही उपचार प्राप्त करें। स्वस्थ रहें, खुद का ध्यान रखें!