चेचक क्या है। (chicken pox in Hindi)
आज के समय हर किसी को कोई न कोई बीमारी जरूर होती है। और यह ठीक भी हो जाती है, लेकिन फिर भी बीमारी कहीं दोबारा ना हो जाए इस बात का खतरा हमेशा बना रहता है। लेकिन कुछ बीमारियां जो वायरस द्वारा बढ़ती है, उनके साथ ऐसा नहीं होता। ऐसी है एक बीमारी है जिसे हम चिकन पॉक्स (Chicken pox) के नाम से जानते है। इसे चेचक के नाम से भी जानते है तथा धार्मिक रूप में इसे माता (in hindi) के नाम से जाना जाता है।
चेचक (chicken pox) किस तरह से दिखती है
यह एक संक्रामक बीमारी है जो कि नाक, कान और मुंह के द्वारा संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है। यही कारण था जिसके कारण 1900 के दसक में कई बार यह बीमारी एक महामारी का रूप ले चूका था। लेकिन 1995 में बनी वैक्सीन के बाद यह एक आम बीमारी बनकर रह गया। चेचक दो तरह के होते हैं छोटी चेचक (छोटी माता), बड़ी चेचक (बड़ी माता)। बड़ी चेचक के दानो में मवाद या पस देखने को मिलता है, ये बीच में से फटकर धीरे धीरे सुख जाते है। वही छोटी चेचक अपने नाम के अनुसार छोटे छोटे दानो की तरह होते हैं, यह बड़ी चेचक की तरह फटने के बजाए सीधा सूख जाते हैं।
शीतला (Chicken pox) किस उम्र के लोगो में ज्यादा होती है ?
यह किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकता है। लेकिन लगभग 90% चेचक (chicken pox) की समस्या 10 साल से कम उम्र के बच्चे में होती है। ऐसा होने से उनके अंदर इस बीमारी से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है। जिससे इस बीमारी से ग्रषित होने के आसार बहुत कम हो जाते है। लेकिन फिर भी कई दुर्लभ मामले में व्यक्ति को दुबारा भी हो सकता है। ऐसा लाखो में एक ही व्यक्ति को होता है। इस बीमारी के दौरान पुरे शरीर में दाने निकल आते हैं। दानो का रंग लाल होता है और उसमें दर्द तथा खुजली जैसी समस्या भी देखने को मिलती है।
चेचक के लक्षण | chicken pox symptoms
इनके लक्षण अन्य बीमारियों की तरह ज्यादा घुमावदार नहीं बल्की एकदम स्पष्ट होते हैं। इनके लक्षण दो से तीन दिनों में आसानी से पहचाने जा सकते है। इसके कुछ लक्षण निम्न दिए गए हैं, जो इस बीमारी के आरंभ में देखने को मिलते हैं।
- तेज बुखार होना,
- धीरे धीरे शरीर पर लाल दानो का उठना तथा 3 – 4 दिनों के अंदर सभी दानों का पकने लगना,
- गले का बार-बार सुखना,
- पुरे शरीर में दर्द तथा ऐंठन होना,
- उलटी होना या उलटी का एहसास होना,
- पुरे शरीर में दर्द महसुस होना,
- गले का बैठना,
- नाक बहना,
- त्वचा पर चकत्ते निकल जाना,
- आरंभ में ललाट और कलाई पर लाल रंग के धब्बो का बनना।
- बाद में धीरे-धीरे पुरे शरीर में धब्बो का बनना।
- कुछ दिनों में धीरे-धीरे धब्बो से पिटिकाएँ (Rapules) का रूप लेने लगते हैं।
- यह पिटिका दाने के समान होती है जिनमे मवाद या पास भरा होता है।
चेचक के कारण (why chicken pox)
हर बीमारी के पीछे कई कारण होते हैं लेकिन इस बीमारी के कुछ ही कारण देखने को मिलते हैं। यह बीमारी एक वायरस के कारण होती है जिसका नाम वैरीसेला – ज़ोस्टर वायरस (VZV) है। इसका मुख्य कारण है रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स। पहला कारण यह है कि अगर संक्रमित श्वसन ड्रॉपलेट्स मरीज से दूसरे व्यक्ति में चली जाए तो इससे दूसरे इंसान को भी संक्रमण हो सकता है। दूसरा कारण, अगर संक्रमित मरीज के दानो से निकलने वाला पानी किसी को लग जाए तो संक्रमित इंसान से दूसरे इंसान को भी हो सकता है।
चेचक के घरेलु इलाज | chicken pox home remedies
काली मिर्च से करे चेचक का इलाज
हरी मटर से करे चेचक का इलाज
हरी मटर को पानी में पकाकर इसके पानी को छान ले। अब इसका प्रयोग पुरे शरीर के दानो पर करें। ऐसा करने से शरीर में चेचक के कारण हुआ लाल धब्बा ठीक हो जाता है। खुजलाहट और ज्वलन से राहत भी मिलेगी। जिससे संक्रमण का खतरा तो कम होगा ही साथ ही बीमारी और भी शीघ्रता से ठीक होगी।
नीम है चेचक का रामबाण इलाज
नीम कीटाणुओं को मार संक्रमण को बढ़ने से रोकने में अति लाभदायक है, तथा इसे प्रयोग करने के अनेक तरीके है। इसके इन्ही गुणों की वजह से यह चेचक का सबसे असरदार औषधि है। आप इसका प्रयोग काढ़ा बनाने और नहाने के लिए पानी को एक औषधि की तरह उपयोग कर सकते हैं।
काढ़ा बनाने के लिए आधे गिलास पानी में 4-5 नीम का पत्ता तब तक उबाले जब तक वह एक कप ना हो जाए। फिर उसे छान कर थोड़ा ठंडा होने दे। जब हल्का गरम रह जाए तो इसका सेवन करे। नहाने के लिए गरम पानी में नीम का पत्ता डालकर रख दे, फिर कुछ देर बाद उसी पानी से स्नान कर ले। इस बीमारी में कीटाणुओं से सुरक्षा बहुत जरूरी है, इसलिए आप नीम के पत्ते को अपने पास भी रख सकते हैं।
यह सब करने से शरीर की आंतरिक और बाहरी दोनों जगह से कीटाणुओं की सफाई होगी तथा संक्रमण का खतरा भी नहीं रहेगा।
शहद से करें चेचक का इलाज
शहद के अनेक फायदे और पाए जाते हैं। जिनमे से इसका एंटी बैक्टीरियल गुण चेचक के लिए अत्यंत फायदेमंद होता है। इसका प्रयोग शरीर में किसी भी प्रकार से संक्रमण को समाप्त करने के लिए किया जा सकता है। अगर पीड़ित व्यक्ति के प्रभावित हिस्से पर इसका प्रयोग किया जाए, तो इसके अनेक फायदे होंगे। ऐसा करने से संक्रमण का खतरा तो खत्म होगा ही साथ ही प्रभावित हिस्से की ज्वलन को शांत कर आराम प्रदान करेगा। ऐसा ठीक होने तक हर दिन 2 से 3 बार करें।
गिलोय की पत्तियों से करे चेचक का इलाज
गिलोय की पत्ती इस बीमारी के लिए अत्यंत लाभदायक साबित हो सकती है। इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, और फास्फोरस पर्याप्त मात्रा में पाए जाते है। इसके तनों में स्टार्च भी भरपुर मात्रा में पाया जाता है। इसका सेवन करने से रोधक प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और साथ ही अनेक बीमारियां भी ठीक करता है।
चेचक होने पर सावधानी कैसे बर्ते
- मरीज को आइसोलेट कर दे, ताकि उसका संक्रमण बाकी लोगो तक न पहुंचें।
- पीडित व्यक्ति को उसी जगह रखे, जहां ताजी हवा का आवागमन हो।
- ध्यान दे कमरा ज्यादा ठंडा या गरम ना हो वर्ना त्वचा में इंफेक्शन के साथ खुजली और खुजली के कारण ज्वलन भी बढ़ सकता है।
- कोशिश करे दानो को खुजली ना करे वर्ना ठीक होने के बाद भी दानो का दाग रह जाता है। यदि खुजली लम्बे समय तक आए तो नीम की पत्ती की मदद से हल्के हाथो से खुजला सकते हैं।
- इसे घरेलू इलाज के द्वारा आसानी से ठीक किया जा सकता है, इसके लिए अपने शरीर को किसी भी प्रकार के टोटके या झाड़ फुक से दूर रखे।
चेचक के ठीक होने के बाद होने वाली समस्या
कभी कभी चेचक ठीक होने के 2-3 दिन बाद भी शरीर में दर्द रहता है, जो कि एक सामान्य समस्या है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पुरे शरीर में दाने होने के कारण शरीर कमजोर हो जाता है। इसे पहले जैसी स्थिति में आने पर थोड़ा वक्त लगता है। इस समय आप को खास कर अपने भोजन पर ध्यान देना चाहिए। ज्यादा शारीरिक श्रम या व्यायाम ना करे। ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक आहार का ही सेवन करें।
मुझे उम्मीद हैं, चेचक ( Chicken pox in Hindi) से बचने में यह लेख काफी मददगार रहेगा, यह जानकारी आपको कितनी मददगार लगी, और किस विषय पर आप जानकारी चाहते हैं कमैंट्स करके जरूर बताएं