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Complete Information about Gestational Diabetes

गर्भावस्था के समय शरीर को स्वस्थ्य रहने के लिए शुद्ध आहार (Pure Diet) और उचित जीवनशैली (Good Lifestyle) की आवश्यकता है। लेकिन आहार में शुद्धता न होना और गलत जीवनशैली के कारण अनेक बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती है। अधिकांश समय, रोजमर्रा के कामो में व्यस्त हो जाने के कारण स्वास्थ्य का उचित रूप से ध्यान नहीं रख पाते और यह भी अनेक बीमारियों का कारण बन सकता है। इन्ही से सम्बंधित अनेक बीमारियां देखने को मिलता है, उनमे से एक है gestational Diabetes

आज हम आपको जेस्टेशनल डायबिटीज़ के कारण, निवारण, डाइट प्लान (Diet plan), आदि के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करेंगे, ताकि आप इस समस्या से जल्द से जल्द छुटकारा पा सके।

Gestational Diabetes क्या है?

जेस्टेशनल डायबिटीज़ एक रोग है जो महिलाओं के गर्भावस्था (pregnancy) के दौरान उत्पन्न होता है। इसे गर्भावस्था मधुमेह (pregnancy Diabetes), या जीडीएम (GDM) के रूप में भी जाना जाता है। यह गर्भावस्था के समय महिलाओं में मधुमेह की एक आम समस्या है। इस स्थिति में, माँ के शरीर को इंसुलिन (Insulin) के साथ काम करने में दिक्कत होती है, जिससे आवश्यकतानुसार ग्लूकोज (glucose) जमा नहीं हो पाता। ऐसा होने के कारण कमजोरी की समस्या हो सकती है। यह गर्भवती महिलाओं (pregnant ladies) के लिए एक चिंता का विषय बन सकता है क्योंकि यह न केवल माँ के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि शिशु के विकास पर भी असर डालता है। यह मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, इसलिए इसे समझना और इसका जल्द इलाज शुरू करना बहुत जरुरी है।

causes of gestational diabetes

जेस्टेशनल डायबिटीज़ का मुख्य कारण गर्भावस्था (pragnancy) के दौरान हार्मोन (harmones level) के स्तर में बदलाव होना है। प्लेसेंटा नामक गर्भपात्र जिसमें शिशु को पोषण मिलता है, वह इंसुलिन (insulin) पर काफी हद तक डिपेंडेंट होता है और इसके प्रभाव से मां के शरीर में इंसुलिन के स्तर में बदलाव होता है। इस प्रकार, गर्भावस्था में इंसुलिन को उपयोग करने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे ग्लूकोज (glucose) शरीर के कोशिकाओं (cells) में प्रवेश नहीं कर पाता और इसके कारण हाई ब्लड शुगर (high blood sugar) की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इनके अलावा भी इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  1. जीनेटिक डिसऑर्डर (genetic disorder)

कुछ मामूली मामलो में blood sugar level बढ़ने के पीछे जीनेटिक रीज़न (genetic reason) भी हो सकता है। यदि आपके परिवार में किसी को पहले से ही डायबिटीज़ (diabetes) है, तो गर्भावस्था के दौरान भी आपके लिए इसका रिस्क (risk) बढ़ जाता है।

  1. शारीरिक समस्याएं (physical problem)

गलत जीवनशैली या गलत खान-पान के कारण कुछ महिलाओं को पहले से ही शारीरिक समस्याएं होती हैं, जैसे कि प्री-डायबिटीज़, ओवरवेट(Obesity), या डायबिटीज़ से जुड़े अन्य रोग। इसके कारण, गर्भावस्था के दौरान भी gestational diabetes के होने की संभावना बढ़ जाती है।

  1. हार्मोनल चेंज (harmonal Changes)

गर्भावस्था (pregnancy) के दौरान माँ के शरीर में हार्मोन के स्तर में बढ़ोत्तरी होती है। इसके परिणामस्वरूप शरीर के white blood cells इंसुलिन के लिए प्रतिरोध (resistance) का काम करने लगते है, जिससे रक्तशर्करा का स्तर (blood sugar level) बढ़ जाता है और जेस्टेशनल (gestational diabetes) डायबिटीज़ का विकास होता है।

Gestational Diabetes Symptoms and Signs

Gestational Diabetes के लक्षण आमतौर पर गर्भावस्था (pregnancy) के तीसरे तथा चौथे महीने में दिखना शुरू हो जाते हैं, लेकिन कुछ केसेस (cases) में यह लक्षण गर्भावस्था के शुरुआती चरण में भी देखने को मिल सकते हैं। गर्भावस्था मधुमेह के symptoms-

  • अनिद्रा (insomnia), 
  • बार बार पेशाब आना (frequent urination),
  •  सामान्य से अधिक प्यास लगना (more thirsty),
  •  पानी पिने के बाद भी बार-बार गले का सुखना (Throat dryness), 
  • त्वचा में रूखापन (dryness of the skin),
  • बालों का झड़ना (hair loss),
  •  नाखून का फटना (nail cracking)

आदि शामिल हो सकते हैं। इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें। हलाकि उपर्युक्त बताये गए सभी लक्षणों में से कुछ लक्षण गर्भावस्था में सामान्य भी हो सकते हैं। 

Gestational Diabetes Symptoms and Signs

  1. उच्च रक्तशर्करा स्तर (High blood pressure);

gestational diabetes के प्रमुख लक्षण में से एक है उच्च रक्तशर्करा स्तर। यदि आपके खून में ग्लूकोज़ (glucose) की मात्रा कम हो या ग्लूकोज़ का कलेक्शन न हो पा रहा हो, तो यह एक गंभीर समस्या का कारण बन सकता है। इसलिए गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के समय अपने blood  का sugar level test जरूर कराये।

  1. थकावट और कमज़ोरी (tiredness and weakness)

जेस्टेशनल डायबिटीज़ (gestational diabetes) के कारण ग्लूकोज़ (glucose) शरीर के कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर पाता है, जिससे आपके शरीर को हाई एनर्जी (high energy) के लिए आवश्यक ऊर्जा नहीं मिलती है। इससे थकावट और कमज़ोरी (tiredness and weakness) का अनुभव हो सकता है।

  1. अत्यधिक भूख (extreme hunger)

गर्भावस्थाजन्य मधुमेह (Gestational diabetes) के कारण आपके शरीर के high blood sugar level को सामान्य (normal) करने के लिए ज्यादा इंसुलिन (insulin) की जरुरत होती है। यह इंसुलिन (insulin) आपके भोजन करने के बाद ग्लूकोज़ को ब्लड (blood) में मिक्स करता है, इससे आपको भूख बहुत ज्यादा लग सकती है।

  1. पेशाब में शर्करा (Sugar/glucose) 

gestational diabetes के समय, पेशाब में शर्करा (sugar) की मात्रा बढ़ जाती है। जैसे ही आपके शरीर में ग्लूकोज़ का लेवल (glucose level) बढ़ता है, वह एक्स्ट्रा ग्लूकोज़ (extra glucose) पेशाब द्वारा बाहर निकलने लगता है। ऐसा होने के कारण सेल्स (cells) तक भरपूर मात्रा में ग्लूकोज़ नहीं पहुंच पाता और अनेक बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती है। इसलिए समय पर मूत्र परीक्षण (urine test) जरूर कराये। 

gestational diabetes self-care

गर्भावस्था (pregnancy) में मधुमेह (diabetes) का संतुलन बहुत ही जरुरी एवं महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल मां के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि बच्चे के स्वास्थ्य को भी खतरे में डाल सकता है। इसलिए, गर्भावस्था में मधुमेह के लिए नियमित जांच (regular test) और उचित उपचार (right treatment & diet) का पालन करना जरूरी है। गर्भावस्था के दौरान gestational diabetes) का प्रबंधन निम्नलिखित उपायों से संभव है:

  1. खुशबूदार फलों और सब्जियों का सेवन करें

गर्भावस्था के दौरान खुशबूदार फलों और सब्जियों(वह सब्जियाँ जो गर्म करने, पीसी जाने या पकाने पर न केवल सुगंध प्रदान करती हैं, बल्कि अद्भुत स्वाद भी प्रदान करती हैं। जैसे; लहसुन और प्याज से लेकर मिर्च और अदरक आदि तक।) का सेवन करना शरीर के ग्लूकोज़ स्तर (glucose level) को सामान्य करने में मदद कर सकता है। इनमें विटामिन्स, मिनरल्स, और फाइबर होता है, जो आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।

  1. योग और व्यायाम करें (yoga for diabetes)

गर्भावस्था मधुमेह (diabetes) के उपचार में व्यायाम का महत्वपूर्ण एवं अहम योगदान होता है। आपको रोज योग (yoga) और व्यायाम (exercise) करना चाहिए। योग और व्यायाम करना गर्भावस्था के दौरान (pregnancy time) शरीर के ग्लूकोज़ स्तर को भी कण्ट्रोल (control blood sugar) करने में मदद करता है। योग आपको स्थिरता और शांति का अनुभव कराता है जिससे आपको क्रोध या अशांति का अनुभव नहीं होता। ऐसा होने से ब्लड शुगर लेवल में कमी देखने को मिल सकती है। जो डायबिटीज पेशेंट के लिए लाभदायक (profitable for diabetes petients) साबित  होता है।

  1. नियमित चिकित्सा जांच (regular medical checkup)

गर्भावस्था में मधुमेह के निदान (diagnosis) के लिए ब्लड शुगर लेवल की जांच की जाती है। आमतौर पर, गर्भावस्था के दौरान ब्लड शुगर लेवल में बढ़ोत्तरी होती है, लेकिन यदि आपके शरीर में ज्यादा मात्रा में ब्लड शुगर बड़ा है तो यह गर्भावस्था मधुमेह का संकेत हो सकता है। जीवाणु विश्लेषण (bacterial analysis) भी किया जा सकता है ताकि गर्भावस्था में मधुमेह (gestational diabetes) के अन्य किसी कारण का पता लगाया जा सके। अपने डॉक्टर द्वारा नियमित जांच करवाकर आप अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख सकते हैं और डायबिटीज़ (diabetes) के प्रभाव को कम कर सकते हैं।

  1. अपने खाने के समय को निश्चित करें (schedule your meals)

गर्भावस्था के दौरान (during pregnancy schedule your meals) अपने खाने के समय का अनुसरण करना भी फायदेमंद हो सकता है। समय पर खाने से आपके ग्लूकोज़ स्तर में नियंत्रण (control blood sugar) देखने को मिलता है और आप डायबिटीज़ के प्रभाव को कम कर सकते हैं। आयुर्वेद (ayurveda) में भी खाने के निश्चित समय को बड़ा ही महत्व दिया गया है।  कोशिश करे, सात बजे से पूर्व ही डिनर (dinner) कर ले।  

  1. पौष्टिक आहार का सेवन करे (eat nutritious food)

गर्भावस्था मधुमेह (gestational diabetes) के उपचार (treatment) में आहार (diet) का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। डॉक्टर के सलाह अनुसार आपको सही आहार का सेवन करना चाहिए। nutritious food का सेवन करने से शरीर के हार्मोनल असंतुलन (hormonal imbalance) में भी कमी देखने को मिलती है।

  1. सावधानी बरते (be careful)

गर्भावस्था मधुमेह से बचने के लिए आपको कुछ आवश्यक सावधानियाँ भी बरतनी चाहिए। जैसे –  मीठा (sweet) खाने से बचना, बहुत तले हुए खाना न खाना, धूम्रपान (smoke) और शराब (alcohol) का सेवन बंद करना, समय से योग (yoga) और व्यायाम करना आदि।

  1. गर्भावस्था के समय काम करने का महत्त्व (working out during pregnancy)

गर्भावस्था के चार से पांच महीने तक हमे आराम (rest) करने के बजाए घर के छोटे छोटे काम करने चाहिए। ऐसा करने से हमारे शरीर में हार्मोनल इम्बैलेंस के चान्सेस कम हो जाते है। काम करते समय इन बातो का ध्यान रखे जैसे – ज्यादा वजन न उठाये, सीढ़ियों  का ज्यादा इस्तेमाल न करे, तथा तनाव वाले कामो को ना करे।

Food to avoid in Gestational Diabetes

Carbohidrate खाने से बचे: आलू, फ्रेंच-फ्राइज़, सफेद चावल, कैंडी, सोडा और अन्य मिठाइयाँ जैसे साधारण कार्बोहाइड्रेट खाने से बचने की कोशिश करें। ऐसा इसलिए है क्योंकि ऐसे खाद्य पदार्थ खाने के बाद वे आपके रक्त शर्करा को तेजी से बढ़ाते हैं।

मीठा : चीनी, शक्कर, मिठाई और मीठे खाने का सेवन न करे, इन्हे आप गुड़, नेचुरल स्वीटनर्स जैसे शहद आदि से रिप्लेस कर सकते है।

चावल:  सफ़ेद चावल, पास्ता और नूडल्स, का प्रयोग न करे। इसके जगह आप ब्राउन राइस या ब्राउन ब्रेड का सेवन कर सकते है। 

आटे के उत्पाद: ब्रेड, परांठे, पूरी, नान आदि तैलीय पदार्थो का सेवन न करें।

आलू और शकरकंदी(Sweet potato): आलू, शकरकंदी आदि से बनाये गए फ्राइड स्नैक्स से बचें।

मैदा और बेकरी उत्पाद: केक, कुकीज़, पेस्ट्रीस और बिस्किट खाना कम करें। इसके अलावा मैदे से बने फ़ास्टफ़ूड जैसे पिज़्ज़ा, छोला-भटूरा आदि का भी सेवन न करे। 

स्वीट और कोल्ड ड्रिंक्स: सॉफ्ट ड्रिंक, पैक्ड ड्रिंक, निम्बू पानी, किसी भी पदार्थ का मीठा रस, शरबत और केमिकल युक्त ड्रिंक से दूर रहें। मादक पदार्थो का सेवन बिलकुल भी न करें। 

सूखा फल : कंद यानि जड़ से सम्बंधित खाद्य पदार्थ जैसे आलू, प्याज, इत्यादि इसके अलावा मैंगो, अनार, अंगूर, खजूर और किशमिश के सेवन से परहेज़ करें।

अनाज़ी दालें: चना, मूंग, मसूर, अरहर दाल और उड़द दाल का सेवन एक निश्चित रूप में करे।

तली हुई चीजें: जैसे कि फ्रेंच फ्राइज़, समोसे, कचौड़ी और नमकीन जैसे पैक्ड फ़ूड, प्रोसेस्ड फ़ूड, और unhealthy पदार्थो को खाना बंद करे। 

प्याज़: कच्चे प्याज का सेवन न करे, क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट होता हैं जो ब्लड शुगर को बढ़ा सकता हैं।

Food to eat in gestational diabetes)

सब्जियां: लौकी(Bottle gourd), तोरी(Ridge Gourd), टिंडा, बैंगन (Brinjal), गाजर (Carrot),फूलगोभी(Cauliflower), शिमला मिर्च(Capsicum) और करेले(Bitter Gourd) जैसी सब्जियो का सेवन करे। सब्जियाँ आपके स्वास्थ्य और आपके रक्त शर्करा के लिए अच्छी हैं।

दालें: दालो में अंकुरित मूंग दाल साथ ही अरहर दाल, मसूर दाल और उर्द दाल को भी शामिल कर सकते है। लेकिन अधिक मात्रा में इनका सेवन न करे। 

उत्पाद: (low fat milk), पनीर, छाछ और दही खाएं। इनका सेवन करने से भरपूर प्रोटीन और healthy carbs की शरीर में पूर्ति होती है। 

प्रोटीन: टोफू, सोया उत्पाद में edamame (सोयाबीन की फलियां), अन्य beans, आदि शामिल करें। इनका सेवन करने से नार्मल एक्स्ट्रा फैट या ओबेसिटी को कम करने में सहायता मिलती है। 

फल: पपीता, आंवला, नारियल पानी, तरबूज(Watermelon), खरबूज(Melon) और खजूर(date) खाना फायदेमंद होता है।

 जैसे – भुने चने, मटर, सेवई, राजमा, धूली मूंग दाल और धनिया।

अनाज़: ब्राउन चावल, दलिया, जौ, बाजरा, रागी और ओट्स खाएं।

 गेहूं और मक्के के धान का आटा आदि का सेवन करे।

मेवे: बादाम, मूंगफली, अखरोट और पिस्ता खाएं। मेवा को खाने के लिए एक दिन पहले दस घंटे तक भिगो दे। 

ध्यान दें:

  • खाने के बाद रोज़ाना अपने ग्लूकोस लेवल का चेकअप करें और डॉक्टर की सलाह का पालन करें।
  • सुबह और शाम के बीच अवश्य कुछ हेल्दी स्नैक्स खाएं।
  • आपका भोजन सुबह के समय अधिक हाइड्रेटेड हो, और रात के समय कम कार्बोहाइड्रेट हो।
  • शक्कर, चीनी, मिठाई, बेकरी उत्पादों, और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें।

Gestational Diabetes snacks

गर्भावस्था मधुमेह (Gestational Diabetes) के समय में सही स्नैक्स (snacks) का सेवन करना बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि रक्त शर्करा स्तर को संतुलित रखने में सहायता मिले और माँ तथा शिशु का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे। अब हम गर्भावस्था मधुमेह के लिए 10 स्वस्थ में बढ़ोत्तरी करने वाले स्नैक्स के बारे में बात करेंगे:
  1. मखाने (foxnuts)

मखाने गर्भावस्था मधुमेह वाली महिलाओं के लिए सबसे अच्छा और लाभदायक स्नैक्स(snacks) हैं। इनमें कम फैट (fat) और कार्बोहाइड्रेट्स (carbohydrate) होते हैं जो रक्त शर्करा स्तर (blood sugar) को संतुलित रखने में मदद करते हैं। अगर इन्हे घी में तल कर खाये तो यह healthy & crispy snacks option बन सकता है। आप आयुर्वेदिक टी (ayurvedic tea) के साथ भी इसका लुफ्त उठा सकते है।  

  1. तिल के लड्डू

तिल के लड्डू भी गर्भावस्था मधुमेह वाली महिलाओं के लिए एक अच्छा स्नैक्स (snacks) विकल्प हो सकते हैं। तिल के बीज में प्रोटीन, फाइबर, और मैग्नीसियम होता है जो रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसे बनाने के लिए गुड़ या नेचुरल स्वीटनर्स (natural sweetner) का ही प्रयोग करे। आयुर्वेद में भी गर्भावस्था के लिए तिल के लड्डू की बहुत से फायदे बताये गए है। 

  1. धनिया पत्ती की चटनी

धनिया पत्ती की चटनी गर्भावस्था मधुमेह वाली महिलाओं के लिए एक विकल्प हो सकती है। इसमें विटामिन सी, विटामिन ए, और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।

  1. मसाला चना

मसाला चना एक लाजवाब स्नैक्स है जिसे आप गर्भावस्था मधुमेह के समय में खा सकते हैं। यह आपको उचित प्रोटीन और फाइबर प्रदान करता है जो आपको भूख को शांत करता है। यह क्रिस्पी और crunchy होने के साथ ही एक healthy snacks option भी है।

  1. दही

दही की ताजगी के कारण इसका सेवन करने से मन शांत रहता है।  दही में पाए जाने वाले प्रोटीन और और अन्य पोषक पदार्थो के कारण यह सबसे अच्छा स्नैक्स ऑप्शन है। दही में विटामिन-E पाया जाता है जिसके कारण त्वचा का रूखापन ( dry skin) और पिगमेंटेशन (pigmentation) की समस्या दूर होती है। 

  1. फल

फल एक स्वादिष्ट स्नैक्स है जो गर्भावस्था मधुमेह वाली महिलाओं के लिए उपयुक्त है। फल में विटामिन सी और फाइबर होता है जो सेहत को बनाए रखता है। इसका सेवन करने से ताजगी का अहसास होता है

    7.अखरोट (walnuts)

अखरोट (walnuts) गर्भावस्था मधुमेह वाली महिलाओं के लिए एक अच्छा स्नैक्स (snacks) है। इसमें भरपूर मात्रा में ऑमेगा-3 फैट्स और प्रोटीन होता है जो सेहत को बनाए रखता है। दिन में सिर्फ दो से तीन अखरोट का ही सेवन करे तथा गर्मी के सीजन में इसे अवॉइड करे।  

   9. लौकी का रायता 

लौकी का रायता स्वास्थ्यप्रद होने के साथ ही बहुत बढ़िया स्नैक्स भी है जिसमें लौकी और दही होता है। यह आपको उचित ऊर्जा प्रदान करता है, और रक्त शर्करा स्तर को संतुलित रखता है। इसका सेवन करने से भूख पूरी तरह शांत हो जाती है।

    10. सूजी और गाजर का धोकला

सूजी और गाजर का धोकला गर्भावस्था मधुमेह वाली महिलाओं के लिए एक उत्कृष्ट स्नैक्स है। यह आपको पोषक तत्वों के साथ ऊर्जा भी प्रदान करता है जो भूख को शांत करने में मदद करता है।

गर्भावस्था मधुमेह (Gestational Diabetes) के दौरान सही स्नैक्स (snacks) का सेवन करना आपके सेहत के लिए फायदेमंद है। याद रखें, स्नैक्स की मात्रा को संतुलित रखना आपके रक्त शर्करा स्तर (blood sugar level) को नियंत्रित रखने में मदद करेगा। स्वस्थ और सुरक्षित गर्भावस्था के लिए उपरोक्त स्नैक्स का सेवन करें। स्वस्थ रहे सुरक्षित रहे।

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