बहुत सी ऐसी बीमारियाँ है, जिन्हे हम अपने दिनचर्या (hemorrhoids self-care) में बदलाव लाकर ठीक कर सकते हैं, बवासीर (Piles) भी उनमे से एक है। बवासीर (Piles) एक आम बीमारी है, जो हर 10 में से 2 या 3 व्यक्तियों में पाया जाता है। लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है। आप आसानी से बवासीर का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज करके 3 दिन के अंदर ठीक हो सकते हैं
बवासीर का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज
बवासीर (Piles) कोई ज्यादा गंभीर बीमारी नहीं है, जरुरत है तो बस दिनचर्या में कुछ बदलाव लाने की। लेकिन आमतौर पर बवासीर की बीमारी को लम्बे समय तक छुपाना ही बवासीर को खतरनाक साबित कर सकता है। जिससे आगे जाकर खुनी बवासीर (Bloody) या वादी बवासीर (Hemorrhoids) की समस्या सामने आती है।
इसलिए यदि आप को बवासीर हुआ है तो (Get A Free Consultation) वैद्य से बेझिझक सलाह ले। बवासीर होने पर मलद्वार (Anus) की नसो पर सुजन आ सकता है। आम तौर पर बवासीर पेट खराब (Upset Stomach) होने से होता है। अगर पेट साफ़ रखोगे तो बवासीर की समस्या कभी नहीं होगी।
बवासीर कैसे होती है ( Piles causes in Hindi )
- ज्यादा कब्ज (Constipation) बनना एक आम कारण है पाइल्स का,
- शरीर में रेसे यानी फाइबर की कमी (lack of fiber)
- शौच करने (stool pass) में ज्यादा समय लगना,
- गर्भावस्था (Pregnancy), गुदा मायथुन (anal intercourse) भी बवासीर का कारण बन सकता है,
- मल त्याग में जोर लगने के कारण मल द्वार (anus) पे दबाव का बढ़ना है ,
- मोटापा (Obesity) भी बवासीर का एक कारण हो सकता है
- परिवार (genetic) में किसी को बवासीर की समस्या है ,तो आपको भी होने की संभावना है,
- लम्बे समय से जांघ के (thigh muscles) मांसपेशियों का ढीला होना
- लम्बे समय तक बैठकर काम (sitting work) करना या लगातार खड़े होकर काम करना
- ज्यादा यात्रा (traveling) करना और बाहर का खाना (fast food)
बवासीर के लक्षण (Piles ke lakshan aur upchar in Hindi)
- खुनी बवासीर में मल त्याग करते समय बहुत दर्द होता है ,
- इसका आम लक्षण शौच के समय खुन का आना है,
- खुनी बवासीर समय के साथ बड़ा होते जाता है,
- यह बबासीर ज्यादा समय तक रहने से भगंदर का रूप ले लेता है
- मल द्वार (Anus) के आस पास खुजली होना,
- बाहर की तरफ कुछ निकले होने का एहसास होना, जिसे सुजन कहते हैं,
- सुजन में अगर खून जम जाए तो अत्याधिक पीड़ा की अनुभूति होना।
- उठते बैठते समय गुदा में दर्द (Anus Pain) होना
- गुदा में मस्से बन जाते हैं
- हर समय गुदा में खुजली या दर्द महसूस होना
- समय के साथ मस्से बढ़ते जाते हैं। जिससे मल त्याग करते समय दर्द होता हैं
बवासीर का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज (Piles Treatment at home)
ऊपर दिए गए सभी बवासीर के लक्षण हैं। जिन्हे देख समझ कर वैद्य अंदाजा लगाता है, कि व्यक्ति को बवासीर है या नहीं। ध्यान रखे अगर आपको शौच के समय मलद्वार ( Anus Bleeding ) से खून की समस्या है और दर्द नहीं है। फिर भी शौच से निकलने वाले खून से जल्दी इलाज करें वर्ना ये एक गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है; जैसे मलद्वार या मलाशय का कैंसर (Rectal Cancer) और भगन्दर (Fistula) हो सकता है। मार्केट में बहुत सी दवाईया मिलती है, लेकिन आयुर्वेदिक औषधि (बवासीर का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज) लेना आपके लिए सही होगा क्योंकि इसका कोई साइड इफेक्ट (No Side Effect) नहीं होता।
Piles Treatment diet plan (Piles ka gharelu nuskha )
Step 1 : सुबह मल त्याग करने से पहले (Before Bowel Movement) 1 गिलास गुनगुने पानी में 20 Ml आंवला रस और 20 Ml एलोवेरा रस डालकर पियें।
Step 2 : ब्रेकफास्ट (Breakfast) से आधे घंटे पहले खाली पेट एक सेव (An Apple) खाएं
Step 3 : और ब्रेकफास्ट सुबह 8 बजे से पहले करें। ब्रेकफास्ट में आप 1 कटोरी हरी सब्ज़ी + चपाती + दही या इडली सांभर ले सकते हैं।
Step 4 : 11 से 12 बजे के बीच 200 Gram सलाद खाएं।
Step 5 : सलाद खाने के आधे घंटे बाद लंच (Lunch) करें। दोपहर के खाने में हरी सब्ज़ी+चपाती +मुंग दाल या दलिया (Oats) ले सकते हैं।
Step 6 : दोपहर के खाने (Lunch) के 1 घंटे बाद 1 गिलास छाछ पियें। जिसमे हरा धनिया , हरे पुदीने की चटनी , काला नमक और भुना जीरा मिला लें।
Step 7 : शाम को 3 से 4 बजे के बीच फल (Best Fruits In Piles) खाएं। इसमें पपीता और सेब सबसे अच्छा है।
Step 8 : रात का खाना(Dinner) हमेशा 8 बजे से पहले कर लें। रात का खाना बहुत हल्का (Light Food) रखें। जिसमे आप ओट्स (Oats ) या मुंग दलिया लें जो बहुत सारी हरी सब्ज़िया (Green Vegetables) डालकर बनाया गया हो।
Step 9 : सोने से पहले 1 गिलास गाय का गर्म दूध ( Hot Milk Of Cow) लें। जिसमे आप आधा चम्मच गाय का घी ( Deshi Ghee) डालें। इससे आपका पेट साफ़ होगा और कब्ज़ की समस्या ( Constipation) से छुटकारा मिलेगा।
बवासीर का घरेलु उपाय (Piles ke gharelu upay in Hindi)
अगर गुदा में सूजन (Swelling In The Anus) है, और उठते बैठते समय बहुत दर्द (Pain) होता है, तो नीम की पत्तियों (Neem Leaves) को पानी में उबालें। और उस पानी को टब में डाल दें, मलद्वार (Anus) पर नारियल का तेल लगा लें, और टब में बैठकर गुदा (Anus) की सिकाई करें, इससे मलद्वार की सूजन कम होगी और दर्द में आराम मिलेगा।
बवासीर में परहेज ( Avoidance in Piles )
- बवासीर की समस्या में नमक , खट्टी चीज़े ,मिर्च और ज्यादा तेल में बनी हुई खाने की चीज़ो से परहेज करें।
- ज्यादा भारी वजन न उठायें।
- ज्यादा देर तक खड़े होकर काम न करें।
- बाहर का खाना न खाए।
- मल त्याग करते समय ज्यादा जोर ना लगाएं।
Piles Course 7 Days (Piles ki ayurvedic dawa in Hindi)
अगर बवासीर(Piles) की समस्या से बहुत ज्यादा परेशान हैं और तुरंत आराम चाहते हैं तो फिलॉजिक्स आयुर्वेदा का ” 7 दिनों का पाइल्स कोर्स ” लें। 7 दिन में आपकी बवासीर की समस्या जड़ से ठीक हो जायेगी।
इस कोर्स में हमारे आयुर्वेदिक डॉक्टर्स आपको 3 आयुर्वेदिक दवाई के साथ 7 दिन का कम्पलीट डाइट प्लान (Diet Plan) प्रदान करते हैं।
दवाइयों में एक राजरेचन चूर्ण (Rajrechan Churna) होता हैं जो आपको रात में सोने से 1 गिलास पानी के साथ लेना है, ये कब्ज़ को पूर्णतया ठीक करता है।
दूसरा अनुरश कैप्सूल (Anursh Capsule) होते हैं, ये 2-2 कैप्सूल सुबह शाम खाना खाने से आधे घण्टे पहले लेने हैं गर्म दूध के साथ। ये गुदा के जख्म और दर्द को ठीक करते हैं।
तीसरा अनुरश क्रीम (Anursh Cream) हैं, ये मल त्याग करने से पहले मलद्वार पर लगायी जाती है। ये एन्टीबैक्टीरियल होती है जो गुदा की सूजन, मस्से और जख्म को ठीक करती है।
मुझे उम्मीद हैं, बवासीर की समस्या (hemorrhoids self-care) को ठीक करने में बवासीर का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज काफी मददगार रहेगा, यह जानकारी आपको कितनी मददगार लगी, और किस विषय पर आप जानकारी चाहते हैं कमैंट्स करके जरूर बताएं।