जब भी किसी के शरीर में बहुत तेजी से मोटापा आता है, या किसी का शरीर बहुत तेजी से दुबला होता है। तो थायराइड की समस्या होने की आशंका जताई जाती है।
थायराइड क्या होता है।(Thyroid in hindi)
थायराइड की समस्या (thyroid problem) आज के समय एक आम बीमारी हो गई है। हमारे भारत देश में हर दस में से एक आदमी थायराइड से पीड़ित है। भारत में लगभग 120 मिलियन लोग थायराइड की समस्या के शिकार हैं। ज्यादातर केस में पुरुषों के मुक़ाबले महिलाए ही थायराइड का शिकार होती है।
थायराइड (थायराइड का रामबाण इलाज) का सही समय पर इलाज न करने पर ये एक गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है । इसलिए हर तीन साल में एक बार अपना ब्लड टेस्ट (blood test) जरूर कराएं, ताकि आपको थायराइड है या नहीं इसका पता लगाया जा सके।
थायराइड ग्रंथि का क्या काम होता है (function of the thyroid gland)
थायराइड, हमारे शरीर में सबसे एंडोक्राइन ग्लैंड्स (endocrine glands) में से एक है। यह ग्लैंड हमारे गले में सांस की नली के ऊपर होती है, और तितली के आकर की होती है। इसका माप 15 से 20 सेंटीमीटर का होता है। इस ग्लैंड (thyroid gland) का काम हमारे शरीर में हार्मोन रिलीज़ (harmone release) करने का होता है।
थायराइड ग्रंथि कौन से हार्मोन बनाती है? (thyroid hormones)
थायराइड ग्लैंड तरह-तरह की हार्मोन रिलीज़ करता है, जिसमें प्रमुख है, T3(ट्राईओडोथायरोनिन), और T4(थायरोक्सिन) जो कि हमारे शरीर को स्वस्थ रुप से काम करने के लिए बहुत जरूरी है। हमारे शरीर के बहुत से प्रक्रियाओं को अपने नियंत्रण में रखता है , जैसे हमें भूख कब लगेगी, भोजन कब और कैसे पचेगा, भोजन को कैसे शरीर में भेजना है, उसका अवशोषण कैसे होगा, किडनी (kidney) और दिल (heart) काम कैसे करेंगे, ऐसे ही और भी इंद्रियों को नियंत्रित करता है।
थायराइड को हम इंसानी शरीर का दूसरा ब्रेन (brain) बोले तो कुछ गलत नहीं होगा। ये हार्मोन्स हमारे मेटाबोलिज्म (metabolism) को बैलेंस रखते हैं। ब्लड सेल्स (blood cells) को कंट्रोल करते हैं। और फैट(fat),प्रोटीन(protine),कार्बोहइड्रेट आदि पर भी अपना कंट्रोल रखते हैं। यह हड्डियों(bones), मांसपेशियों, शारीरिक और मानसिक वृद्धि को भी कंट्रोल में रखते हैं |दरअसल, इसी थायराइड ग्लैंड्स में गड़बड़ी होने से थायराइड से सम्बंधित रोग होते हैं।
थायराइड के हार्मोन की मात्रा कम या ज्यादा होने पर हमें थायराइड से जुड़ी समस्या हो सकती है। अगर हार्मोन जैसे टी थ्री, टी फोर थायरॉइड द्वारा कम मात्रा में उत्पन्न होने लगे तो उसे हाइपोथायरायडिज्म (hypo-thyroidism )कहते है, और यदि ज्यादा मात्रा में हार्मोन थायरॉइड से उत्पन्न होने लगे तो इसे हम हाइपरथायरायडिज्म (hyper-thyryoidism) कहते हैं। आइये जानते हैं हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म क्या है, और क्यों होता है।
थायराइड के लक्षण क्या हैं? (Thyroid Symptoms in hindi)
हाइपर-थयरॉइडिस्म (Symptoms of Hyper-thyroidism)
एक रोग जिसमे थायराइड ग्लैंड (thyroid gland) बहुत ज्यादा एक्टिव (active) हो जाती है। जिसे हाइपर-थयरॉइडिस्म (hyper) के नाम से जाना जाता है। थायराइड ग्लैंड के ज्यादा एक्टिव होने से जरूरत से ज्यादा हार्मोन्स रिलीज़ होने से –
- मेटाबोलिज्म (metabolism) बढ़ जाता है
- और हर काम तेजी से होने से लगता है।
- जिस वजह से भूख (hunger) बहुत लगती है।
- लेकिन वजन कम (weight loss) होने लगता है।
- घबड़ाहट होती है।
- चिड़चिड़ापन होने लगता है।
- पसीना (sweat) ज्यादा आता है।
- मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द (weakness & pain) महसूस होता है।
- और दिल की धड़कन (heart beat) बढ़ जाती है।
हाइपो-थयरॉडिज़्म (Symptoms of Hypo-thyroidism)
और दूसरा रोग, जिसमें थायराइड ग्लैंड धीमे (slow) काम करने लगती है। इसे हाइपो-थयरॉडिज़्म (hypo) कहते हैं। इसमें हार्मोन्स बहुत कम रिलीज़ होने पर –
- मेटाबोलिज्म (slow metabolism) बहुत स्लो हो जाता है
- जिस की वजह से शरीर में मोटापा (weight gain) बहुत तेजी से बढ़ता है।
- त्वचा में रूखापन (dry skin)आ जाता है।
- इस वजह से कई बार स्किन एलर्जी (skin infection)भी हो जाती हैं।
- दिल की धड़कन कम (heart beat slow) हो जाती है।
- शरीर में थकान (fatigue) बनी रहती है।
- और तनाव (tension) जैसा महसूस होता है।
- महिलाओं को मासिक धर्म (menstruation)समय से नहीं होता है।
- चेहरे पर, आँखों में और गले में सूजन आ जाती है।
- इससे महिलाओं में बांझपन (infertility) की समस्या भी हो सकती है।
थाइरोइड रोग होने के कारण (What's cause thyroid)
आयोडीन : डेली डाइट में आयोडीन की मात्रा बहुत कम या बहुत ज्यादा होने से भी थाइरोइड ग्लैंड (thyroid gland) प्रभावित होती है।
थायराइड का रामबाण इलाज (Thyroid Treatment at Home)
तो अब बात करते हैं, थाइरोइड की समस्या को ठीक करने के लिए दिनचर्या क्या होनी चाहिए और इसके घरेलु उपचार क्या हो सकते हैं।
धनिया पत्ते का रस : 50 ग्राम धनिया पत्ता लेकर उसकी चटनी बनाये , और 1 गिलास गर्म पानी में घोलकर सुबह सुबह खाली पेट सबसे पहले पियें। आयुर्वेद में , धनिया पत्ता थायराइड की सबसे अच्छी दवा है। यह थायराइड हार्मोन को बैलेंस करती है, और थायराइड ग्लैंड को स्वस्थ करती है। और सबसे अच्छी बात यह है, धनिया पत्ता दोनों तरह के थायराइड की समस्या (हाइपर & हाइपो) के लिए अत्यंत लाभकारी है।
योग : रोज 15-20 मिनट योग जरूर करें। योग से हमारा स्नायु तंत्र मजबूत होता है। हार्मोन बैलेंस होते है। रक्त परिसंचरण अच्छा होता है। मांसपेशियां मजबूत होती हैं। और थायराइड की समस्या के विकार दूर होते हैं।
आहार : खाने में हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ, फल, सलाद, ज्यादा से ज्यादा शामिल करें। इससे शरीर को प्रोटीन, फाइवर, और विटामिन्स मिलेंगे, जो थायराइड ग्लैंड के हार्मोन्स बैलेंस में मदद करते हैं।
आयोडीन : आयोडीन से भरपूर (thyroid diet) खाद्य पदार्थ लें। जैसे सीफूड- सिंघाड़ा, भसीड़े, कमलककड़ी और आलू, मक्का, लहसुन, हरी फलियां, स्ट्रॉबेरी आदि।
आयुर्वेदिक टी : हर रोज शाम तीन से चार बजे के बीच आयुर्वेदिक टी (Ayurvedic Tea) या तुलसी टी या हल्दी टी, इसमें से कोई एक जरूर पियें। इससे थायराइड ग्लैंड की सूजन कम होती है। और थायराइड ग्रंथि के विकार दूर होते हैं।
अन्य : रोज 5 से 10 मिनट धुप में जरूर समय बिताएं। कोशिश करें, नारियल तेल से बना खाना खाएं। तनाव में ना रहें। हमेशा खुश रहें। और भरपूर नींद लें। बाहर का तला भुना ना खाएं। घर का बना ताजा खाना ही खाएं। नशीले पदार्थों से दूर रहें।
आयुर्वेदिक मेडिसिन : थायराइड की समस्या को जल्दी ठीक करने के लिए आप आयुर्वेदिक मेडिसिन थ्योरिन कैप्सूल (thyorine capsule) ले सकते हैं। जो शुद्ध आयुर्वेदिक है। कांचनार, कुम्भी भस्म, मुंडी, गुग्गल गम, जटामांसी, ड्राई जिंजर आदि जड़ीबूटियों से मिलकर बना हुआ है, जो त्रिदोष को बैलेंस करके थायराइड ग्लैंड के फंक्शन को ठीक करता है। और (Thyroid medicine) थायराइड से सम्बंधित बीमारी को दूर करता है।
मुझे उम्मीद हैं, थयरॉइड की समस्या (थायराइड का रामबाण इलाज) को ठीक करने में यह लेख काफी मददगार रहेगा, यह जानकारी आपको कितनी मददगार लगी,और किस विषय पर आप जानकारी चाहते हैं कमैंट्स करके जरूर बताएं।
good
Very much informative article..Thanks, Philogics Ayurveda.