सही तरीके से कोलेस्ट्रॉल कैसे कम करें: एक पूर्ण गाइड
कोलेस्ट्रॉल क्या है?
कोलेस्ट्रॉल एक मोम जैसा दिखने वाला प्रमुख केमिकल कंपाउंड है, जो हमारे शरीर के लिवर से निकलता है। यह सभी प्रकार के जीवित जीवो के कोशिकाओं सहित शरीर के हर हिस्से में पाया जाता है। यह उन सभी जरुरी तत्वों का भी निर्माण करता है जो वसा को पचाने में सहायक साबित हो सकतीं है। इसलिए यह सभी जीवो के लिए बहुत ही जरुरी है। लेकिन अधिक मात्रा में होने पर यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी साबित हो सकता है। कोलेस्ट्रॉल पूरे शरीर में रक्त के जरिए पहुंचता है और इसके मुख्य स्रोत शरीर के खाद्यपदार्थ, और वसा होते हैं। अधिक मात्रा में कोलेस्ट्रॉल लेने से “अर्थरो स्क्लेरोसिस” जैसी स्थितियों का खतरा बढ़ सकता है, जिससे रक्तदाब बढ़ सकता है, और हृदय रोग का खतरा भी देखने को मिल सकता है।
स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम से, कोलेस्ट्रॉल की सामान्य स्तिथि को बनाए रखने में मदद मिल सकती है। आपको जानकार हैरानी होगी, कि फल, सब्जियों और अनाज में कोलेस्ट्रॉल नहीं पाया जाता है। शरीर में 25 प्रतिसत कोलेस्ट्रॉल लिवर से ही मिल जाता है। बाकि के जरूरतों के लिए डेरी प्रोडक्ट का सेवन पर्याप्त है।
कोलेस्ट्रॉल के प्रकार (Types of Cholesterol)
कोलेस्ट्रॉल, जोकि एक विशेष प्रकार का फैट है, हमारे शरीर में पाया जाता है। यह हमारे सेल्स और होर्मोन्स के निर्माण में मदद करता है, लेकिन जब इसका लेवल अधिक हो जाता है, तो यह हृदय रोग की संभावना को बढ़ा सकता है। यह अनेक प्रकार के होते है, जो निम्न है-
a. लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) कोलेस्ट्रॉल
लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (low-density lipoprotein), जिसे आमतौर पर “एलडीएल” भी कहा जाता है, एक प्रकार का कोलेस्टेरॉल है, जो ब्लड में पाया जाता है। यह आपके शरीर को स्वस्थ रखने में एक अहम भूमिका निभाता है। लेकिन जब इसका लेवल अधिक हो जाता है, तो यह धमनियों (artery) में धीरे धीरे जमने लगता है। ऐसा होने से धमनी का रास्ता पतला हो जाता है जिससे धमनी के फटने की समस्या देखने को मिल सकती है। जो थाइरोस्कलेरोसिस(atherosclerosis) और हार्ट अटैक का कारण बन सकता है। जिसके कारण इसे बुरा कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है। लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन के सामान्य स्तर की जाँच शारीरिक स्वास्थ्य की निगरानी रखने के लिए जरुरी है। यदि एलडीएल का स्तर 100 से 130 मिलीग्राम / dL से कम है, तो आप खतरे से बाहर है।
लेकिन यदि यह बहुत कम है, तो क्रोनिक डिजीज जैसे की हेपेटाइटिस सी, क्रोनिक सूजन, ब्लड कैंसर, जेनेटिक डिसऑर्डर, लीवर डिजीज आदि समस्याए हो सकती हैं। एलडीएल का स्तर नियमित रूप से आहार और नियमित व्यायाम के माध्यम से कण्ट्रोल किया जा सकता है। शारीरिक गतिविधि और स्वस्थ आहार एलडीएल के स्तर को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं और हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहारा प्रदान कर सकते हैं।
b. हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL) कोलेस्ट्रॉल
हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL) कोलेस्टेरॉल का एक अहम हिस्सा है, जो शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। HDL का मुख्य कार्य है, अन्य लिपोप्रोटीन्स के साथ मिलकर शरीर से एक्स्ट्रा और धमनियों को नुकसान करने वाले कोलेस्टेरॉल को कम कर लीवर में वापस ले जाना। यह शरीर के खराब कोलेस्टेरॉल (लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन या LDL) को हटाकर खतरनाक हृदय रोगों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में मदद करता है। इसके अलावा, HDL रक्तसंचार को सुधारकर सामान्य हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी सहायक हो सकती है। यह कोलेस्ट्रॉल को संतुलित रखने के साथ-साथ इन्फ्लेमेशन को कम करने में भी मदद करता है, ताकि शरीर के कोशिकाओं (tissues) को कोई नुकसान न पहुंचे। साथ ही यह आंतरिक ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का सामना कर शरीर को सुरक्षित रखता है। इसलिए इसे “अच्छे कोलेस्टेरोल” की उपाधि दी जाती है।
सामान्यत: HDL की अधिक स्तर से हृदय रोग का खतरा कम होता है, जबकि इसकी कमी से यह खतरा बढ़ सकता है। शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल यानि हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL) की मात्रा 50 mg/dL या इससे अधिक होनी चाहिए। ऐसा न होने पर एथेरोस्क्लेरोसिस और अन्य ह्रदय स्वस्थ्य का खतरा बढ़ सकता है। आपके खानपान, व्यायाम, और अन्य आदतें HDL स्तर को प्रभावित कर सकती हैं, इसलिए स्वस्थ जीवनशैली का पालन जरूर करें।
c. वैरी लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (VLDL) कोलेस्ट्रॉल
वीएलडीएल तीन मुख्य प्रकार के लिपोप्रोटीन में से एक है जो हमारे रक्त में मौजूद होता है। इसमे ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा सबसे अधिक होती है। इसे एक प्रकार का “खराब कोलेस्ट्रॉल” भी कहा जाता है क्योंकि यह धमनियों की दीवारों पर कोलेस्ट्रॉल को जमने में मदद करता है। इसका मुख्य कार्य है ट्राईग्लीसेराइड को लिवर और सेल्स में पहुंचाना। यह एक प्रकार का हानिकारक कोलेस्ट्रॉल भी कहा जा सकता है, क्योंकि इसका अधिक स्तर हृदय और धमनी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। VLDL में सबसे अधिक मात्रा में ट्राईग्लीसेराइड होते हैं, जो भोजन द्वारा हमारे शरीर में पहुंचते हैं और शरीर में उत्पन्न होने वाले उर्जा का मुख्य स्रोत होते हैं।
जब VLDL शरीर में ट्राईग्लीसेराइड को पहुंचाने के लिए धमनियों में जाता है, तो यह धमनियों की दीवारों पर ट्राईग्लीसेराइड को छोड़ देता है, जिससे धमनियों में एक्स्ट्रा कोलेस्ट्रॉल बचता है। अगर VLDL का स्तर 5 -40 मिलीग्राम / dL से अधिक होता है, तो यह इसे धमनियों में एक्स्ट्रा कोलेस्ट्रॉल के साथ हृदय रोग की संभावना को बढ़ा सकता है। इसलिए, स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और तंतु (fiber) के माध्यम से VLDL का स्तर कम किया जा सकता है, जिससे शरीर स्वस्थ बना रहेगा।
ट्राइग्लिसराइड क्या है (triglyceride)
ट्राईग्लीसेराइड हमारे शरीर में पाए जाने वाला एक प्रकार का फैट है। इसका मुख्य स्रोत भोजन से मिलने वाला ऊर्जा है। यह तीन प्रकार के फैट, एस्टर्स और एक ग्लाइसेरोल मॉलिक्यूल का कॉम्बिनेशन है, इसलिए इसे ट्राईग्लीसेराइड कहा जाता है। यह हमारे शरीर के लिए बहुत जरुरी है, क्योंकि यह हमें ऊर्जा प्रदान करता है, और हमारे कोशिकाओं के पुनः निर्माण (tissue regeneration) का कार्य करता है। जब हम पोस्टिक और संतुलित भोजन का सेवन करते हैं तो भोजन में मौजूद वसा और कार्बोहाइड्रेट्स शरीर में जाकर ट्राईग्लीसेराइड का रूप लेते है। फिर ये शरीर के कोशिकाओं के अलावा शरीर के अन्य हिस्सों में भी भेजे जाते है, जहां इसे ऊर्जा के रूप में उपयोग किया जाता है। हमारे शरीर में मौजूद ट्राईग्लीसेराइड का स्तर बढ़ जाए तो यह हृदय रोग, मधुमेह, और अन्य चर्मरोगों की संभावना को बढ़ा सकता है।
इसलिए, स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और फाइबर के माप का समय पर जांच करना ट्राईग्लीसेराइड के स्तर को कण्ट्रोल करने में मदद कर सकता है। एक स्वस्थ शरीर में, एचडीएल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होनी चाहिए और एलडीएल तथा वीएलडीएल की मात्रा को कम रखा जाना चाहिए। ट्राईग्लीसेराइड की मात्रा भी सामान्य होनी चाहिए। आचार्य चिकित्सक द्वारा सलाह लेना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, जैसे कि नियमित व्यायाम करना और सही आहार लेना, कोलेस्ट्रॉल स्तर को संतुलित रखने में मदद कर सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल से जुड़े मिथ और तथ्य (Myths and facts related to cholesterol)
कोलेस्ट्रॉल के बारे में गलत फैमी को दूर कर सही तथ्यों पर विश्वास करें। यहां कुछ जरुरी और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी तथ्य हैं:
तथ्य: यह सही नहीं है। हमारे शरीर को अच्छा (HDL) और बुरा (LDL) दोनों प्रकार के कोलेस्ट्रॉल की जरुरत होती है। HDL कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए फायदेमंद होता है, जबकि LDL कोलेस्ट्रॉल हानिकारक हो सकता है।
तथ्य: एक स्वस्थ आहार में शामिल होने वाले सही प्रकार के फैट्स शरीर के लिए जरुरी हैं। मोनो अनसेचुरेटेड और पॉली अनसेचुरेटेड जैसे अच्छे फैट्स, जो ऑलिव ऑयल और नट्स में पाए जाते हैं, शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं।
तथ्य: यह भी गलत है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कोलेस्ट्रॉल जरुरी है और इसे पूरी तरह से कम करना सही नहीं है।
तथ्य: सही मात्रा में ऑलिव ऑयल और नट्स का सेवन करना आपको सही प्रकार से वसा प्रदान कर सकता है और वजन को नियंत्रण करने में मदद कर सकता है। यह अधिकतम स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए उपयुक्त हो सकता है।
तथ्य: कोलेस्ट्रॉल टेस्ट केवल एक हिस्सा है इसके अलावा शरीर के अन्य पहलुओं की जाँच के लिए अन्य टेस्ट हो सकते है, जैसे कि ब्लड प्रेशर, ग्लाइसेमिक इंडेक्स, और C-रिएक्टिव प्रोटीन की मात्रा की जाँच।
इन तथ्यों का ध्यान रखना और सही जानकारी प्राप्त करना हमें स्वस्थ जीवनशैली की दिशा में मदद कर सकता है और कोलेस्ट्रॉल से संबंधित मिथकों को खत्म करने में मदद कर सकता है।
कोलेस्ट्रॉल को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Influencing Cholesterol)
- आहार: आपका आहार कोलेस्ट्रॉल स्तर को सीधे प्रभावित कर सकता है। अधिक तेल, मसाले और तड़के लगे हुए भोजन का सेवन करना, और फ़ास्ट फूड खाना कोलेस्ट्रॉल को तेजी से बढ़ा सकता हैं। फल, सब्जी, पूर्ण आहार, और अन्य स्वस्थ आहार का सेवन करें। तेजी से बढ़ने वाले पैकेज्ड और प्रोसेस्ड आहारों से बचें।
- वजन: अधिक वजन के साथ चर्बी का होना कोलेस्टेरोल से जुडी समस्या को बढ़ावा दे सकता हैं।
- अनाजों का सेवन करें: हाई फाइबर से भरपूर अनाज जैसे कि ओट्समील, और ब्राउन राइस इत्यादि का सेवन करें। साथ ही ओमेगा-3 युक्त खाद्य जो अखरोट, और चिया बीज में मौजूद है, कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- व्यायाम की कमी: नियमित व्यायाम का अभ्यास न करना कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकता है। इसलिए नियमित रूप से व्यायाम करें। यह आपके जीवनशैली को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। यह हृदय स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने में मदद करता है साथ ही अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी कण्ट्रोल कर सकता है।
- धूम्रपान और शराब से बचें: धूम्रपान और अधिक मात्रा में शराब का सेवन कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकता है। इसके अलावा, यह अन्य स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है और बीमारी के इलाज के लिए चल रही दवाओं के प्रभाव को भी कम कर सकता है। इसलिए इनका सेवन ना करें।
- आयु: बढ़ती आयु के साथ, कोलेस्ट्रॉल स्तर में बढ़ोत्तरी हो सकती है।
- जेनेटिक समस्या: परिवार में उच्च कोलेस्ट्रॉल होने की ज्यादातर कारण जेनेटिक होते हैं।
- डायबिटीज: डायबिटीज भी कोलेस्ट्रॉल को प्रभावित कर सकता है या इसका उल्टा यानि उच्च कोलेस्ट्रॉल के कारण डायबिटीज की संभावना बढ़ सकती है।
- हॉर्मोनल परिवर्तन: विभिन्न हॉर्मोनल परिवर्तन जैसे कि गर्भावस्था और मेनोपॉज (मासिक धर्म का बन्द होना) भी कोलेस्ट्रॉल को प्रभावित कर सकते हैं।
- अनियमित दवाओं से बचें:दवाओं को नियमित रूप से और सही तरीके से लेना बहुत जरुरी है।
- स्ट्रेस कम करें: तनाव और अधिक स्ट्रेस भी कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकते हैं।
- नियमित चेकअप: नियमित रूप से चेकअप करवाएं ताकि आपकी इस्थिति को अच्छे से समझा जा सके और जरुरत पड़ने पर दवाओं में परिवर्तन कर सकें।
घरेलू उपाय: कोलेस्ट्रॉल कैसे कम करें
अगर आप अपने कोलेस्ट्रॉल को कम करना चाहते हैं, तो घरेलू उपाय हैं एक सुगम विकल्प। यहाँ कुछ सरल और प्रभावी घरेलू तरीके हैं जो आपको मदद कर सकते हैं:
लहसुन का सेवन: लहसुन में मौजूद अल्लिन कारगर होता है जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है। रोजाना एक लहसुन का खाना चाहिए।
मेथी का उपयोग: मेथी का सेवन कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सहारा कर सकता है। आप मेथी के बीजों को भी खा सकते हैं या पाउडर बना कर ले सकते हैं।
तुलसी का पौधा: तुलसी का पौधा आपके हृदय के लिए फायदेमंद है और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। रोजाना तुलसी की पत्तियों का सेवन करें।
नियमित व्यायाम: योग और व्यायाम भी कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक हो सकते हैं। रोजाना कुछ समय निकालें और नियमित रूप से व्यायाम करें।
इन सरल घरेलू उपायों को अपनाकर आप अपने कोलेस्ट्रॉल को स्वस्थ स्तर पर ला सकते हैं और एक स्वस्थ जीवनशैली का आनंद उठा सकते हैं।
आपके लिए और एक कदम
ताजगी से भरा पानी: रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना आपके शरीर की सफाई में मदद कर सकता है और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में भी सहारा प्रदान कर सकता है।
फाइबर युक्त आहार: अनाज, फल, सब्जियां, और दालें जैसे फाइबर युक्त आहार का सेवन करना कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है।
मिश्रित द्रव्य और तेलों का सही चयन: अच्छे तेलों का उपयोग करें, जैसे कि अद्भुत तेल, ऑलिव ऑयल, और तिल का तेल। बटर और ग्वार तेल की बजाय इन्हें प्राथमिकता दें।
समय पर सोना: यदि आप सही समय पर सोते हैं, तो यह आपके शरीर को ठीक से आराम देता है और कोलेस्ट्रॉल की स्तिथि में सुधार कर सकता है।
नियमित जाँच और परामर्श: कोलेस्ट्रॉल की निगरानी रखने के लिए नियमित चेकअप करवाएं और विशेषज्ञ से परामर्श प्राप्त करें।
धूम्रपान और शराब से बचें: धूम्रपान और शराब का सेवन कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकता है, इसलिए इनसे बचना हमेशा अच्छा है।
आधुनिक योगा और मेडिटेशन: योग और मेडिटेशन से तनाव को कम करने में मदद मिलती है, जिससे कोलेस्ट्रॉल पर भी प्रभाव पड़ता है।
खुश रहें, हंसें: खुश रहना भी हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। हंसी और आनंद में रहने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
सही नींद: अच्छी नींद लेना हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। यह कोलेस्ट्रॉल पर भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
साथी के साथ समय बिताएं: अच्छे रिश्तों का होना भी हृदय स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने में मदद कर सकता है। समय-समय पर अपने प्रियजनों के साथ समय बिताएं।
इन उपायों को अपनाकर आप अपने कोलेस्ट्रॉल को संतुलित रख सकते हैं और एक स्वस्थ जीवनशैली का आनंद उठा सकते हैं। ध्यान रखें, इन उपायों का प्रयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।